एक नए अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं में निष्पक्ष निर्णय की
योग्यता होती है। वे दूसरों के अधिकारों का ख्याल रखती है और मिल-जुलकर काम
का रुख अपनाती है। इन खास गुणों की बदौलत वे बेहतर कारपोरेट लीडर साबित
होती है। इसी अध्ययन की प्रमाणिकता पर राय संगिनी सिटी की..
घर की जिम्मेदारी हो या ऑफिस की लीडरशिप, महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा
हमेशा बेहतर बॉस साबित होती है। इसकी वजह महिलाओं का हर मुद्दे पर गंभीर और
दूरदर्शी होना है। पुरुष किसी भी काम पर त्वरित प्रतिक्रिया देते है, जबकि
महिलाएं सोच-समझकर निर्णय लेती है।
सर्वे में भले ही महिलाओं को बेहतर बॉस बताया गया हो, लेकिन मेरी समझ से
हर वह व्यक्ति जो नम्र और जिम्मेदार स्वभाव होता है, वही बेहतर बॉस होता
है। इसमें महिला या पुरुष जैसी कोई बात नहीं है। बड़े कारपोरेट घरानों में
कई ऐसे नाम आते है जो पुरुष है और बेहतर बॉस भी।
बेहतर बॉस वही होगा जिसमें नेतृत्व करने की क्षमता होगी और जो अपने पद
के अनुरूप योग्यता भी रखता होगा। इसलिए बेहतर बॉस महिला या पुरुष में से
कोई भी हो सकता है। यह जरूर है कि ऑफिस में महिलाओं का ध्यान कार्य पर रहता
है, जबकि पुरुष इंटरनल पॉलिटिक्स से जल्दी ग्रसित हो जाते है।
सही बात...
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