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Friday, April 26, 2013

कोपल का सुरीला सफर

    जिस उम्र में आमतौर पर बच्चों की गीत संगीत में रुचि उत्पन्न होती है उस उम्र में फरीदाबाद की कोपल ने अपने गानों की न सिर्फ सीडी लांच कर दी बल्कि देश के प्रतिष्ठित म्यूजिक रिएलिटी शो इंडियन आइडल में भी जगह बनाकर क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। संगीत गुरु अंजू मुंजाल की इस शिष्या की आवाज में वो कशिश व दर्द है कि ऑडीशन के दौरान रिएलिटी शो के जजों की आंखें भी नम हो गई।
ऐसे शुरू हुआ सफर
कोपल कहती हैं कि जब वह तीन साल की थी, तब उनकी मम्मी ड्राइंग, स्केटिंग, संगीत आदि की हॉबी कक्षाओं में ले जाती थी। बस वहीं से धीरे-धीरे संगीत में रुचि बढ़ती चली गई। पांच साल पहले संगम कला गु्रप की ओर से आयोजित एक प्रतियोगिता में संगीत गुरु अंजू मुंजाल से मुलाकात हुई। गायन सीखने के प्रति मेरी ललक को देखते हुए उन्होंने मुझे अपनी शिष्या बना लिया।
सीडी से मिली पहचान
यह कोपल की प्रतिभा ही है कि इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने 'कोपल' शीर्षक से अपनी एक सीडी में भी निकाल ली। इस सीडी में भू्रण हत्या पर कटाक्ष करता हुआ एक गीत 'क्यों इतनी गुस्सा हो मां काफी लोकप्रिय हुआ।
इंडियन आइडल में किया प्रभावित
इंडियन आइडल के फाइनल ऑडिशन के दौरान श्रेया घोषाल, विशाल-शेखर कोपल के सामने थे। कोपल ने भ्रूण हत्या पर सीडी में गाए गीत 'क्यों इतनी गुस्सा हो मां, क्या है मेरी गलती' को सुना कर निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। इस गीत को सुन कर निर्णायकों की आंखें भी नम हो गई और उसका चयन मुंबई के लिए हो गया।
बोझ नहीं हैं बेटियां
कोपल जब भी अखबारों व टीवी न्यूज में भू्रण हत्या संबंधी खबरें पढ़ती-सुनती हैं, तो उसे बेहद दुख होता है। वह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि अनपढ़ लोग ही ऐसा कर रहे हैं बल्कि पढ़े-लिखे लोग भी बेटी को गर्भ में मारने में पीछे नहीं हैं। हम सबको यह समझना होगा कि बेटियां आज बोझ नहीं बल्कि गर्व करने का विषय हैं।
पंडित भीमसेन जोशी और किशोरी अमोनकर की हैं मुरीद
सुबह-शाम एक-एक घंटा गायन का नियमित अभ्यास करने वाली कोपल को शास्त्रीय गायन बेहद पसंद है और वह इसे सीख भी रही हैं। शास्त्रीय गायन की बारीकियों से रूबरू होने के लिए वह पंडित भीमसेन जोशी व किशोरी अमोनकर को बेहद तल्लीन होकर सुनती है। साथ ही श्रेया घोषाल, सोनू निगम भी उन्हें बेहद पसंद हैं।
पाश्‌र्र्वगायिका बनने के सपने के करीब
कोपल कहती हैं कि अब इंडियन आइडल में चयन होने के बाद उन्हें लगने लगा है कि उनका पा‌र्श्व गायिका बनने का सपना पूरा हो सकता है। यह एक बड़ा मंच है। इस अवसर को वह यूं ही गंवाना नहीं चाहेंगी। इसके लिए वह अभी से जुट गई हैं। कोपल चाहती है कि वह छोटे पर्दे पर अपने सुरों के जादू को बिखेर कर श्रेया घोषाल जैसी बनने के सपने को पूरा करे।
मात-पिता व गुरु का सहयोग
कोपल अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मा रचना व बिजनेसमैन पिता अनुराग बिंद्रा और संगीत गुरु अंजू मुंजाल को देती हैं।

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