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Wednesday, February 4, 2015

क्या इस्लाम इतना कमजोर हे

क्या इस्लाम इतना कमज़ोर हे की कोई लाऊड इस्पिकर उतारे को बोल दे तो इस्लाम खतरे में कोई घर वापसी कराए तो इस्लाम खतरे में कही  दंगे हो तो खतरा अम्रीका में टावर गिरे तो ..शर्ले अब्दों पत्रिका ने मोहम्मद साहब का कर्टून छाप दिया तो १२ पत्रकारों को मोत के घाट उतार दिया ...किस ने दी ये सज़ा एक ऐसा गिरोह जो इस्लाम के नाम पर मासूम बच्चो को भी मरने से नही डरता कार्टून छापा पत्रिका ने जिस की १५००० हजार पत्रिका छपती थी हादसे के बाद लाखो में छपी करोड़ो रूपये कमाए ..किस की वजह से आप समझ सकते हे क्या हम ऐसे लोगे के बहकावे में आ गये जो सिर्फ कातिल हे जिन का इस्लाम से कुछ लेना देना नही उन्हें हुकूमत करने के लिए हर वो काम करना हे जो उन्हें राज गद्दी तक पहुचाये ...आप एक बात पर ध्यान दे क्या कोई मुस्लमान ये कह सकता हे की मोहम्मद साहब की कोई तस्वीर दुनिया में हे ..अगर नही तो फिर हमे कार्टून से क्या लेना देना मुसलमानों को अपनी खुद की तरक्की समाज वे देश की तरक्की के बारे में सोचना होगा जितने वफा दार हम दीन के हे उतने ही देश के भी हो .कोई भी हमारी भावनाओ को भड़का कर दीन के नाम पर हमारा शोषण न कर सके कुछ लोगो का सिर्फ ये ही काम हे के इस कोम को शिक्षा से दूर रखा जाये जो ये हमेशा मजदूर रहे ..मगर हमारे धर्म के ठेकेदार सिर्फ चंदा लेते रहेंगे मदरसों में सिफ हाफिज ...मोलाना बनाते रहेंगे डॉक्टर इन्जीनर नही इस कोम को जागना होगा भेड़ बकरियों की तरह पीछे चलने की आदत छोडनी होगी दुनिया सितारों पर पहुच गयी और हम ..ये मानने को तय्यार नही के कोई वहां तक पहुच भी सकता हे इस लेख को जो भी ...खास तोर से मुस्लमान ...पड़े ..तो एक मिनट के लिए सोचे कहाँ जा रही हे ये कोम ..जो भी जिस फिल्ड में हे इस कोम को तालीम दिलाने की कोशिश करे दिल से करे ...........

                                                                      रउफ अहमद सिद्दीकी नॉएडा .............

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