रऊफ अहमद सिददीकी की दुनिया में आपका स्वागत है

Tuesday, April 30, 2013

अश्क

लोग बहरे  हें इन्हें दिल की सुनाया न करो 
बंद दरवाजे पे आवाज़ लगाया न करो 
वक़्त की आंधी उड़ा  कर न कही  ले जाये 
रेत पर तुम मेरी तस्वीर बनाया न करो 
तेरे बीमार ने चेहरे पे कफ़न ओढ़ लिया
अब ज़रूरत नही तुम ज़ुल्फ़ का साया न करो 
उम्र भर कौन रहा साथ किसी के हम दम 
तुम मेरी याद में ये अश्क बहाया न करो

Friday, April 26, 2013

आज़म खान से अमरीका में बदसलूकी

आजम खान से 'बदसलूकी' मामले में दखल दे अमेरिका- भारत ने जताया विरोध
   यूपी के नगर विकास मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां  के साथ अमेरिका के बोस्‍टन (जहां हाल ही में ब्‍लास्‍ट हुए थे) में एयरपोर्ट पर 'बदसलूकी' के मामले पर भारत सरकार ने विरोध जताया है। आजम ने अपने ​अतिरिक्‍त निजी सचिव को बोस्‍टन से फोन करके गुरुवार देर रात बताया था कि उन्‍हें अमेरिका में एयरपोर्ट पर सिक्‍योरिटी अफसरों द्वारा ​बदसलूकी झेलनी पड़ी। उन्‍होंने चेकिंग के नाम पर वो किया, जो आज तक उनके साथ कहीं नहीं हुआ था। वह कोई अमेरिका घूमने नहीं गए थे, वह वहां मेहमान की हैसियत से गए थे, अमेरिका की प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ने उन्‍हें मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के साथ आमंत्रित किया था। 

बोस्टन एयरपोर्ट पर आजम खान को दस मिनट तक रोककर पूछताछ के मामले में भारत ने औपचारिक विरोध दर्ज करा दिया है। सूत्रों के मुताबिक खान को इमिग्रेशन से एंट्री मिलने के बाद यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन की एक महिला अधिकारी उन्हें पास के ही एक कमरे में आगे की पूछताछ के लिए ले गई। इसके बाद आजम ने इमिग्रेशन में हंगामा भी किया और कहा उन्हें मुसलमान होने की वजह से पकड़ा गया है। खान ने उस महिला अधिकारी से माफी की मांग की जिसने कहा था कि वह अपनी ड्यूटी कर रही हैं। हंगामा बढ़ता देख न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया और खान को एयरपोर्ट से बाहर ले गए। 

वाशिंगटन भारतीय दूतावास के के प्रवक्ता एम श्रीधरन ने कहा कि भारतीय मिशन ने औपचारिक तौर पर विदेश मंत्रालय के सामने इस मामले को उठाया है। भारत ने इस मामले में गंभीर चिंता जताई है। श्रीधरन ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। ऐसे कदम उठाने को कहा है जिससे भविष्य में ऐसा दोबारा से न हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेनट्रेल ने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है क्योंकि अमेरिका में एयरपोर्ट के मामलों को देखने के अधिकार गृह मंत्रालय का है। 

आजम के मुताबिक, अब उनकी इस यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल होने की कोई इच्‍छा नहीं है। वह बस औपचारिकता ही पूरी करेंगे और जल्‍द से जल्‍द हिंदुस्‍तान लौट आएंगे। सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट पर चेकिंग के नाम पर आजम खां को काफी देर तक रोके रखा गया, वहीं इस दौरान कई बार पूछताछ के साथ ही उनके सामान और कपड़ों की कड़ी जांच की गई। बताते चलें कि यह अमेरिका का वही बोस्‍टन शहर है, जो पिछले दिनों मैराथन के दौरान बम धमाके से दहल गया था। 26/11 के बाद अमेरिका में यह दूसरा आतंकी हमला कहा गया। 

​देर रात सूचना अधिकारी खुर्शीद अहमद की तरफ से जो आधिकारिक बयान जारी किया गया, उसके अनुसार ​​उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां के अमेरिका पहुंचने प​र बोस्टन के एयरपोर्ट लोगान पर वहां के अधिकारियों द्वारा उन्हें अत्यधिक अपमानित, शर्मिंदा और परेशान किया गया,​ ​जबकि उनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट था। वह कुम्भ मेले की सफलता के बारे में बताने के लिए हारवर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ वहां गए हुए हैं। (टेक्‍सास में हुए धमाके के बाद तबाही का मंजर देखिए)

इस घटना से आहत आजम खां ने बड़े दुःख के साथ कहा कि मुसलमान होने की वजह से अमेरिकी अधिकारियों ने उनके साथ ऐसा शर्मनाक व्यवहार किया है, जो काबिले मजम्मत है। नगर विकास मंत्री ने कहा कि इस घटना से आहत होने की वजह से वह हार्वर्ड में ​ ​भाषण देंगे और अमेरिका में अपने निर्धारित शेड्यूल से पहले ही स्वदेश वापस आ जायेंगे। उन्होंने कहा कि  इस घटना के विरोध स्वरुप वह वहां पर अन्य निर्धारित कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे।

महिलाएं होती है बेहतर बॉस?

Women are better boss?
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं में निष्पक्ष निर्णय की योग्यता होती है। वे दूसरों के अधिकारों का ख्याल रखती है और मिल-जुलकर काम का रुख अपनाती है। इन खास गुणों की बदौलत वे बेहतर कारपोरेट लीडर साबित होती है। इसी अध्ययन की प्रमाणिकता पर राय संगिनी सिटी की..
घर की जिम्मेदारी हो या ऑफिस की लीडरशिप, महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा हमेशा बेहतर बॉस साबित होती है। इसकी वजह महिलाओं का हर मुद्दे पर गंभीर और दूरदर्शी होना है। पुरुष किसी भी काम पर त्वरित प्रतिक्रिया देते है, जबकि महिलाएं सोच-समझकर निर्णय लेती है।

सर्वे में भले ही महिलाओं को बेहतर बॉस बताया गया हो, लेकिन मेरी समझ से हर वह व्यक्ति जो नम्र और जिम्मेदार स्वभाव होता है, वही बेहतर बॉस होता है। इसमें महिला या पुरुष जैसी कोई बात नहीं है। बड़े कारपोरेट घरानों में कई ऐसे नाम आते है जो पुरुष है और बेहतर बॉस भी।

बेहतर बॉस वही होगा जिसमें नेतृत्व करने की क्षमता होगी और जो अपने पद के अनुरूप योग्यता भी रखता होगा। इसलिए बेहतर बॉस महिला या पुरुष में से कोई भी हो सकता है। यह जरूर है कि ऑफिस में महिलाओं का ध्यान कार्य पर रहता है, जबकि पुरुष इंटरनल पॉलिटिक्स से जल्दी ग्रसित हो जाते है।

कोपल का सुरीला सफर

    जिस उम्र में आमतौर पर बच्चों की गीत संगीत में रुचि उत्पन्न होती है उस उम्र में फरीदाबाद की कोपल ने अपने गानों की न सिर्फ सीडी लांच कर दी बल्कि देश के प्रतिष्ठित म्यूजिक रिएलिटी शो इंडियन आइडल में भी जगह बनाकर क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। संगीत गुरु अंजू मुंजाल की इस शिष्या की आवाज में वो कशिश व दर्द है कि ऑडीशन के दौरान रिएलिटी शो के जजों की आंखें भी नम हो गई।
ऐसे शुरू हुआ सफर
कोपल कहती हैं कि जब वह तीन साल की थी, तब उनकी मम्मी ड्राइंग, स्केटिंग, संगीत आदि की हॉबी कक्षाओं में ले जाती थी। बस वहीं से धीरे-धीरे संगीत में रुचि बढ़ती चली गई। पांच साल पहले संगम कला गु्रप की ओर से आयोजित एक प्रतियोगिता में संगीत गुरु अंजू मुंजाल से मुलाकात हुई। गायन सीखने के प्रति मेरी ललक को देखते हुए उन्होंने मुझे अपनी शिष्या बना लिया।
सीडी से मिली पहचान
यह कोपल की प्रतिभा ही है कि इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने 'कोपल' शीर्षक से अपनी एक सीडी में भी निकाल ली। इस सीडी में भू्रण हत्या पर कटाक्ष करता हुआ एक गीत 'क्यों इतनी गुस्सा हो मां काफी लोकप्रिय हुआ।
इंडियन आइडल में किया प्रभावित
इंडियन आइडल के फाइनल ऑडिशन के दौरान श्रेया घोषाल, विशाल-शेखर कोपल के सामने थे। कोपल ने भ्रूण हत्या पर सीडी में गाए गीत 'क्यों इतनी गुस्सा हो मां, क्या है मेरी गलती' को सुना कर निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। इस गीत को सुन कर निर्णायकों की आंखें भी नम हो गई और उसका चयन मुंबई के लिए हो गया।
बोझ नहीं हैं बेटियां
कोपल जब भी अखबारों व टीवी न्यूज में भू्रण हत्या संबंधी खबरें पढ़ती-सुनती हैं, तो उसे बेहद दुख होता है। वह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि अनपढ़ लोग ही ऐसा कर रहे हैं बल्कि पढ़े-लिखे लोग भी बेटी को गर्भ में मारने में पीछे नहीं हैं। हम सबको यह समझना होगा कि बेटियां आज बोझ नहीं बल्कि गर्व करने का विषय हैं।
पंडित भीमसेन जोशी और किशोरी अमोनकर की हैं मुरीद
सुबह-शाम एक-एक घंटा गायन का नियमित अभ्यास करने वाली कोपल को शास्त्रीय गायन बेहद पसंद है और वह इसे सीख भी रही हैं। शास्त्रीय गायन की बारीकियों से रूबरू होने के लिए वह पंडित भीमसेन जोशी व किशोरी अमोनकर को बेहद तल्लीन होकर सुनती है। साथ ही श्रेया घोषाल, सोनू निगम भी उन्हें बेहद पसंद हैं।
पाश्‌र्र्वगायिका बनने के सपने के करीब
कोपल कहती हैं कि अब इंडियन आइडल में चयन होने के बाद उन्हें लगने लगा है कि उनका पा‌र्श्व गायिका बनने का सपना पूरा हो सकता है। यह एक बड़ा मंच है। इस अवसर को वह यूं ही गंवाना नहीं चाहेंगी। इसके लिए वह अभी से जुट गई हैं। कोपल चाहती है कि वह छोटे पर्दे पर अपने सुरों के जादू को बिखेर कर श्रेया घोषाल जैसी बनने के सपने को पूरा करे।
मात-पिता व गुरु का सहयोग
कोपल अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मा रचना व बिजनेसमैन पिता अनुराग बिंद्रा और संगीत गुरु अंजू मुंजाल को देती हैं।

Wednesday, April 24, 2013

नेपाल


नेपाल: सब तरफ नजारा हिमालयी है
एवरेस्ट की धरती नेपाल किसी परिचय का मोहताज नहीं। हम भारतीयों का नेपाल से वैसे भी भावनात्मक रिश्ता सा है। हिमालय का आकर्षण दुनियाभर से सैलानियों को नेपाल खींच लाता है। यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी नेपाल के लिए आय के सबसे बड़े जरियों में से है। नेपाल में सैलानी पहाड़ व नदी से जुड़ी हर गतिविधि का रोमांच ले सकते हैं।
इनमें पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, राफ्टिंग, जंगल सफारी, पैराग्लाइंडिंग, माउंटेन फ्लाइट, माउंटेन बाइकिंग, बंजी जंपिंग आदि सब शामिल है। काठमांडू घाटी के अलावा पोखरा, चितवन, लुंबिनी, जनकपुर, एवरेस्ट क्षेत्र, अन्नपूर्णा रेंज, लंगतांग क्षेत्र आदि में पहाड़ का मजा लिया जा सकता है।
जोखिमभरी होने के बावजूद काठमांडू से लुकला तक की उड़ान समय बचाने के लिए बहुत पसंद की जाती है। लुकला से ही एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू होती है। इसके अलावा नेपाल में कई जगहों से एवरेस्ट देखने के लिए अल्ट्रालाइट या माइक्रोलाइट विमानों से सैर भी कराई जाती है।
कैसे जाएं: भारतीयों को नेपाल जाने के लिए न पासपोर्ट चाहिए होता है और न वीजा। उसके अलावा उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके से लेकर उत्तर प्रदेश व बिहार तक सड़क मार्ग से नेपाल जाने के कई रास्ते हैं। विदेश जाने का क्या शानदार तरीका है। राजधानी काठमांडू के लिए भारत के कई शहरों से सीधी उड़ान भी है। एवरेस्ट की चढ़ाई बेशक महंगी है लेकिन नेपाल में रुकने व घूमने के कई सस्ते विकल्प हैं। लेकिन भीतरी इलाकों में रास्ते अभी और बेहतर किए जा सकते हैं।

तेंदुलकर

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने आज मीडिया के सामने अपने 40वें जन्मदिन के अवसर पर केक काटा। केके काटते वक्त वे काफी तनाव में थे। इस विशेष मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिन ने कहा कि वे अपनी जिंदगी में केक काटते वक्त इससे पहले इतना तनाव में कभी नहीं थे।
उन्होंने कहा कि अनिल कुंबले से बातचीत करने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। सचिन ने कहा कि यहां आने से पहले अनिल कुंबले ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि चिंता मत करो, 40 तो सिर्फ एक आंकड़ा है। इसके अलावा उन्होंने दुनियाभर में मौजूद अपने तमाम प्रशंसकों को धन्यवाद कहा।
सचिन ने कहा कि यह उनके प्रशंसकों की दुआओं की ही देन है कि वे आज भी इस स्थिति में केक काट रहे हैं। सचिन ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मेरे लिए बलिदान दिए हैं। सचिन ने कहा कि ऐसे कुछ खास लोग हैं, जिन्होंने मेरे लिए उस वक्त व्रत किया जब मैं घायल था। उन सभी का तहे दिल से मैं धन्यवाद करता हूं। हालांकि इससे मेरा काम पूरा नहीं हो जाता। मैं सभी से एक-एक कर मिलना चाहता था, लेकिन यह संभव नहीं था, इसलिए मैंने सोचा कि उनतक संदेश पहुंचाने के लिए इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
सचिन तेंदुलकर ने पत्‍‌नी अंजलि तेंदुलकर के साथ मिलकर मुंबई इंडियंस की तरफ से आयोजित विशेष कार्यक्रम में केक काटा। सचिन तेंदुलकर ने जैसे ही केक काटा, उनकी पत्‍‌नी अंजलि ने उन्हें पहला टुकड़ा खिलाया। उससे पहले पत्रकारों के विशेष अनुरोध के बाद सचिन ने दूर बैठी पत्‍‌नी अंजलि को अपने पास बुलाया। फिर उन्होंने मजाक में कहा कि अब आप ऐसा मत कह देना कि वे मेरे चेहरे पर केक लगाएं। गौरतलब है कि रात आठ बजे तेंदुलकर 40 पाउंड का विशाल केक ड्रेसिंग रूम के बाहर काटेंगे, जिसे कैब ने विशेष तौर पर तैयार कराया है।

Wednesday, April 17, 2013

मुझे प्यार है तुमसे

I love you!
मुझे प्यार है तुमसे
कभी नीम कभी शहद और कभी वह भी नहीं..। हम-तुम के रिश्ते में भी ऊंचे-नीचे पहाड़ आते रहते है। जैसे-तैसे इनकी नैया पार हो ही जाती है। प्यार भी करते है और इंकार भी यह खुद समझ नहीं पाते कि इनकी तकरार कब बदल जाएगी प्यार में। देखते है इस बार इन दोनों के बीच क्या होने वाला है।
मिस एक्स
1. तुम मुझे क्यों पसंद करते हो? मुझसे क्यों प्यार करते हो?
2. अगर तुम मुझे कारण नहीं बता सकते तो यह कैसे कह सकते हो कि मुझे पसंद करते हो।
3. प्रूव न करो, लेकिन मुझे कारण बताओ, जैसे मेरी सहेलियों के मित्र उन्हे प्यार करने का रीजन बताते हैं।
4. और..
5. क्योंकि तुम हैडसम हो, केयरिंग हो, स्मार्ट हो, भरोसेमंद हो और तुम मेरी रिस्पेक्ट भी करते हो। इसीलिए तो हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते है।
6. क्यों? अभी तो तुमने मेरी कितनी तारीफ की और कितने सारे रीजन दिए। अब क्या हो गया? (रुंधे हुए स्वर में)
7. रोते हुए। आइ एम सॉरी। शायद मैं तुम्हें ठीक से समझ नहीं पाई थी, पर अब समझ गई हूं कि तुमसे ज्यादा इस दुनिया में मुझे कोई सच्चा प्यार नहीं कर सकता।
मिस्टर वाई
1. मैं वास्तव में तुमको पसंद करता हूं, लेकिन पसंद करने का कारण नहीं बता सकता।
2. मेरा यकीन मानो मैं प्यार करने कारण नहीं बता सकता, लेकिन अपने प्यार को प्रूव कर सकता हूं।
3. ओके, क्योंकि तुम बहुत सुंदर हो.. क्योंकि तुम्हारी आवाज मेरे दिल को छू जाती है.. क्योंकि तुम्हारी आंखों की गहराई में मैं डूब जाता हूं.. क्योंकि तुम केयरिंग पर्सन हो.. क्योंकि तुम्हारी सोच अच्छी है.. क्योंकि तुम मेरी सब कुछ हो..।
4. और.. तुम बताओ कि मुझे क्यों पसंद करती हो और प्यार करती हो?
5. नहीं, गलत। मैंने झूठ कहा था। मैं तुमसे प्यार नहीं करता।
6. क्या प्यार में कोई रीजन की जरूरत होती हैं? क्या किसी कारण से ही प्यार किया जाता है? मैं ऐसे प्यार को सच्चा नहीं मानता जिसमें कोई कारण छिपा हो, लेकिन मैं तुम्हारी आंखों में आंसू नहीं देख सकता, बिना किसी कारण के। इसलिए तुम ऐसे लड़के के पास जा सकती हो, जो तुम्हे किसी कारण से चाहे, लेकिन मैं तुम्हे हमेशा चाहता रहूंगा..।
7. मिस्टर वाई मिस एक्स के आंसू को हाथ में लेकर वादा करते है कि अब कभी वह उनकी आंखों में आंसू नहीं आने देंगे।
दिल्ली डेजायर

बांस का उयोग

मकान, कागज बनाने के साथ अन्य कई उपयोग में लाया जाने वाला बांस अब आपकी नाश्ते और खाने की थाली में भी शामिल हो रहा है। बांस का अचार तो बनता था, लेकिन अब आप इससे बने नूडल्स, कैंडी और पापड़ का भी जायका ले सकेंगे। बांस की उपयोगिता पर लगातार काम कर रहे हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर ने अब बांस की मदद से कुछ खाद्य पदार्थ भी तैयार कर लिए हैं जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि इनमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम व फाइबर के कारण ये उत्पाद सेहत के लिए बेहद लाभकारी भी हैं।
बांस का ऐसा उपयोग पहले कहीं नहीं हुआ है। इन खाद्य उत्पादों को संस्थान के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत के दम पर तैयार किया है। खाद्य पदार्थो के अलावा वैज्ञानिकों ने बांस का कोयला भी तैयार किया है। यह कोयला जहां जलने में बेहद आसान है, वहीं इससे ऊर्जा व लकड़ी संरक्षण में भी मदद मिलेगी। आइएचबीटी पालमपुर पिछले कई वर्षो से बांस पर शोध कर रहा है। बांस की कई प्रजातियां तैयार करने के लिए मशहूर इसी संस्थान में बांस का पहला संग्रहालय भी है, जहां दरवाजे से लेकर फर्श तक सब बांस का ही बना है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, बांस की मदद से कपड़ा, लकड़ी की टाइल, शैंपू, प्लाइ बोर्ड सहित कई पदार्थ तैयार किए जा सकते हैं। इस दिशा में कई देशों में कार्य भी हो चुका है। भारत के बंगलूर में यह कार्य चल रहा है। आइएचबीटी पालमपुर में तैयार उक्त खाद्य पदार्थो में नूडल्स बनाने में करीब 35 प्रतिशत बांस के फाइबर व आटे का प्रयोग किया गया है। इसी तरह से बडि़यों व पापड़ में भी करीब 35 प्रतिशत बांस के फाइबर का प्रयोग हुआ है, जबकि कैंडी पूरी तरह से बांस से ही बनाई गई है। यह कैंडी खाने में बेहद स्वादिष्ट है। वैज्ञानिकों की मानें तो इन खाद्य पदार्थो में जो तत्व है, वह शरीर के लिए बेहद गुणकारी है। खासकर फाइबर से शरीर बेहद स्वस्थ रहता है। इन पदार्थो को इसी वर्ष लोगों के बीच पहुंचाने की योजना है। निदेशक आइएचबीटी डॉ. पीएस आहूजा का कहना है कि संस्थान लगातार बांस से नये उत्पाद व बांस की नई प्रजातियों के लिए कार्य कर रहा है।

शोभना

शोभना वेल फेअर सोसाइटी के सयोजक सुमित प्रताप जी ने आज मुझे पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया