शिकारी सिंह युवा एवं महत्वाकांक्षी पत्रकार था। जल्द से जल्द पैसा व शोहरत पाने की खातिर उसने स्टिंग ऑपरेशन का सहारा लेने का निश्चय किया और उसके स्टिंग ऑपरेशन के शिकार हो गये 2 प्रतिशत ईमानदार व98 प्रतिशत बेइमान मंत्री फटीचर लाल। जब फटीचर लाल को इस बात का पता चला तो उन्होंने शिकारी सिंह को अपनी 2 प्रतिशत ईमानदारी का वास्ता दिया व स्टिंग ऑपरेशन को चैनल पर न चलाने का आग्रह किया तथा इसके एवज में एक करोड़ रुपये देने का वादा भी किया। शिकारी सिंह व फटीचर लाल के बीच होटल के गुप्त कमरे में यह सौदा चुपचाप तय हुआ। लेकिन हाय उन दोनों की बुरी किस्मत एक दूसरे युवा व महात्वाकांक्षी पत्रकार ने इस घटना का स्टिंग ऑपरेशन कर डाला। आजकल दोनों, शिकारी सिंह व फटीचर लाल, जेल में एक-दूसरे के कंधे पर सिर रखकर रोते रहते हैं।
लघुकथाकार: श्री सुमित प्रताप सिंह
नई दिल्ली, भारत
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