रऊफ अहमद सिददीकी की दुनिया में आपका स्वागत है

Sunday, May 12, 2013

लघु कथा


पिता  जी के देहांत के  बाद छोटे  भाई  के घर  जाना हुआ उनकी  बताई  बातो का उनकी यादो  का रात भर जिक्र होता रहा अगले दिन घर वापिस से पहले उस कमरे को देख कर जहाँ पिता जी रहते थे में बोला ...अब के कमरा खाली हो गया पिता जी तुम्हारी और तुम्हारे घर की चोकीदारी तो करते ही थे उनके होते कोई इस घर तो क्या गली में भी नही फटकता था ...भाई बोला ..नही भाई मेरे दोस्त ने एक जर्मन शेफर्ड डॉग गिफ्ट में दिया था जो अब बड़ा हो गया हे इस कमरे में वो ही रहेगा और यहाँ किसी को फटकने भी नही देगा में ये सुन कर सुन्न हो गया

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