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Thursday, June 29, 2017

क्या मुसलमान सेना के खिलाफ हैं

*चैनलो पर और सोशल मीडिया पर आजम खान का बयान 'विवादित' शब्द के साथ चलाया जा रहा है। ट्वीटर पर शटअप आज और अरेस्ट आजम ट्रेंड कर रहा है। सवाल है कि आजम ने ऐसा क्या कह दिया जिससे ऐसी नौबत आई ? समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता ने सेना पर बयान देते हुऐ कहा कि आखिर क्या कारण है कि नक्सली हमलो मे मारे गये जवानों के गुप्तांग महिलाओ ने काट डाले थे ? आजम यहीं नहीं रुके उन्होने आगे कहा कि "उन महिलाओं को जवानो के हाथ, आंख, कान से परेशानी नही थी जिस चीज से परेशानी थी उसे काट लिया गया।"  इस बात पर आजम खान पर लगाता निशाना साधा गयआ खुद आजम खान अखबारो की कटिंग के साथ सफाई दी कि उन्होने वही कहा है जो अखबारो मे छपता है। दरअसल्ल सेना को ऐसा बना दिया गया है कि अगर कोई सेना की ज्यादती पर भी सवाल करे तो उसे देशद्रोही मान लिया जाता है ? हर एक सवाल के सामने देश को लाकर रख दिया गया है ऐसा पहली बार हो रहा है जब सरकार की नीतियो की आलोचना करने को भी देशद्रोह बताया जा रहा है।*
*2012 मे गृह मंत्रालय की रिपोराट के मुताबिक छत्तीसगढ मे ऐसी दर्जनो आदिवासी महिलाओ की लाशें मिली जिनके गुपतांगो में पत्थर तक निकले थे। आरोप था कि सीआरपीएफ के जवानो ने इन महिलाओ के साथ बलात्कार किये थे। 1992 मे हुऐ कश्मीर के कुनान के पोशपोरा की दर्दनाक घटना को कौन भूल सकता है ? कश्मीर के कुनान और पोशपोरा मे सेना के जवानो पर 14 साल की बच्ची से लेकर 80 साल की वृद्धा के साथ बलात्कार करने के आरोप लगे थे ? उसके बाद जो इन महिलाओ ने भौगा वह बहुत डरावना है दूसरे गांव के लोगो ने इन गांवो का बहिष्कार कर दिया क्योकि उनका मानना था कि बलात्कार हो जाने के बाद अब ये गांव अछूत हो गये हैं। इसीलिये कुनान और पोशपोरा का बहिष्कार कर दिया गया था। मणिपुर की एक फोटो अक्सर सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाईटो पर दिख जाती है जिसमें महिलाऐं निर्वस्त्र होकर सेना के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आती हैं। जिस बैनर के साथ ये महिलाऐं प्रदर्शन कर रही हैं उस पर लिखा है Indian Army Rape Us साल भर पहले बीबीसी ने एक सीरीज चलाई थी जिसमें उन महिलाओ के साक्षात्कार थे जो नग्न होकर इस बैनर के साथ प्रदर्शन कर रही थीं। ये सिर्फ वे घटनाऐं हैं जो इस देश के मस्तिष्क पटल पर ताजा हैं, और गाहे बगाहे इनकी चर्चा होती रहती है। आजम खान ने जिस घटना का हवाल दिया है वह घटना  दो महीने पहले की है जब नक्सलियो ने सीआरपीएफ जवानो पर हमला करके 25 सीआरपीएफ जवानो को मार डाला था। नक्सलियो ने मृतक जवानो मे से छ जवानो के गुप्तांग काटे थे जिसके बारे मे कहा गया था कि गुप्तांग महिला नक्सलियो के द्वारा काटे गये। बाद मे नक्सलियो ने आडियो टेप जारी करके कबूल किया था कि हमने हमारी महिलाओ के साथ हुऐ बलात्कार का बदला लिया है। किसी भी हिंसक कार्रावाई की इजाजत गैरसंवैधानिक है। नक्सलियो के द्वारा की गई बर्बरियत को तर्कसंगत नही ठहराया जा सकता। मगर देशभक्ती का नाम लेकर मणिपुर की नग्न होकर प्रदर्शन करती महिलाओ को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता। उस रिपोर्ट से कैसे आंख चुराई जा सकती है जो इसी देश के गृहमंत्रलय की है और बताती है कि आदिवासी महिलाओ के साथ बलात्कार हुऐ और उनके जिस्म मे पत्थर ठूंस दिये गये ?  बेहतर होता कि आजम खान के बयान की गंभीरता को समझा जाता।* *लेकिन मीडिया के वातानूकूलित कमरों और सोशल मीडिया पर बैठकर देशभक्ती सिखाने वाले आजम खान के पीछे पड़ गये ताकि आजम के सहारे यह साबित किया जा सके कि मुसलमान सेना के खिलाफ हैं।*

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