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Saturday, August 17, 2019

जनसंख्या और मुसलमान

6 भाई बहन वाले प्रधानमंत्री जी ने कल लालकिले से देश की जनसंख्या नियंत्रण पर कुछ ज्ञान बाचा , उनकी सनक के आकलन पर यह संभव है कि आने वाले कल में पतियों को पत्नी से दूर रहने का आदेश "संभोगबंदी" के रूप रात 8 बजे अवतरित होकर सुनाया जा सकता है। जिससे जनसंख्या नियंत्रित की जा सके।

योगी 6 भाई बहन हैं , मोदी 6 भाई बहन , मोदी जी के चाचा नरसिंह दास के 8 बच्चे हैं , अटल बिहारी बाजपेयी के सात भाई बहन थे।आडवाणी 8 भाई बहन तोगाड़िया 9 भाई बहन लालू के 10 बच्चे नरसिम्हा राव के 10 बच्चे बाल ठाकरे 11 भाई बहन , डाक्टर अंबेडकर के 14 भाई बहन थे , तो मुलायम सिंह यादव भी 6 भाई बहन हैं , संघ प्रमुख मोहन भागवत के चार भाई बहन हैं , ममता बनर्जी 6 भाई बहन हैं , लिस्ट बहुत लंबी है।

यह कुछ महान लोगों के कर्म का परिणाम है जो आपके समक्ष इसलिए प्रस्तुत किया है कि आप जान लें कि अधिक बच्चे होने का आधार धर्म नहीं है बल्कि इसका आधार "अर्थ और शिक्षा" है। पर प्रधानमंत्री के उद्भोदन के बाद इस संदर्भ में भी मुसलमान आक्रमण पर आएगा।

दरअसल प्रधानमंत्री ने यूँ ही लालकिले से जनसंख्या नियंत्रण की बात नहीं की , दरअसल हिन्दूवादी न्यूज़ चैनल का हिन्दूवादी प्रमुख "सुरेश चौहाणके" ने जंतर मंतर पर 11 जुलाई 2019 को "जनसंख्या नियंत्रण" पर एक कार्यक्रम किया जिसमें सेना के पूर्व मेजर जनरल सिन्हा और सांसद गिरिराज सिंह समेत कई लोग एकत्रित हुए और मंच से केवल और केवल मुसलमानों को "चार शादी और चालिस बच्चे" के नाम पार उलहना देते रहे और यह चीखते चिल्लाते रहे कि मुसलमान जिस तरह से बच्चे पैदा कर रहे हैं उससे आने वाले कुछ वर्षों में इस देश में मुसलमान बहुसंख्यक और हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएगा। मोदी जी का लालकिले से दिया भाषण उसी क्रम का एक हिस्सा है।

कभी कभी सोचता हूँ कि यह लोग कितने मुर्ख होते हैं या तथ्य और गणना समझने और सहने की शक्ति भगवा ज़हर के कारण समाप्त हो जाती है।

आईए पहले मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि और मुसलमानों के इस देश में बहुसंख्यक होने का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं , फिर चार और चालिस की बात होगी।

2011 के संसेक्स के आधार पर यह सिद्ध हो चुका कि अन्य धर्म वालों के मुकाबले मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धी में तेज़ी से गिरावट आयी है। 1981-1991 के बीच जहाँ यह दर 32•9% की थी तो 1991-2001 में यह दर 29•3% और 2001-211 में यह दर और घटकर 24•6% हो गयी। तो यह इस कारण कि मुसलमानों में भी साक्षरता अब धीरे धीरे बढ़ रही है। यही कारण है कि देश के सबसे साक्षर प्रदेश केरल में मुसलमानों की जनसंख्या दर 12•9% तो बिहार जैसे प्रदेश में हिन्दुओं की जनसंख्या दर 24•6% है।

भगवा गिरोह के द्वारा मुसलमानों के इस देश में बहुसंख्यक हो जाने के डर को ऐसे समझिए कि कब और किन हालात में मुसलमान इस देश में बहुसंख्यक होगा ?

हिन्दू और मुसलमान के मौजूदा जनसंख्या दर से उस संख्या तक पहुँचने के लिए जहाँ हिन्दू मुस्लिम बराबर जनसंख्या के होंगे , गणना की जाय तो वह स्थीति आएगी , सन 2281 में अर्थात 270 साल बाद और तब भारत की जनसंख्या होगी 13000 करोड़ और तब इस देश में 6500 करोड़ हिन्दू और 6500 करोड़ मुसलमान होंगे।

सोचिए कि भारत में 13000 करोड़ हिन्दू मुसलमान की आबादी ? सर चकरा गया ना ? पर भक्त यह नहीं समझते।

अब आईए "चार और चालिस" पर

मुसलमानों की आबादी में महिलाओं का प्रतिशत 48.7 है जबकि पुरुष 51.2 फीसदी हैं। सोचने वाली बात यह है कि एक मुसलमान यदि 4 महिलाओं से विवाह करता है तो 75% मुसलमान अविवाहित रह जाएँगे क्युँकि उन 3 मुसलमानों के हिस्से की 3 और महिलाओं से उस 1 मुसलमान ने शादी कर ली।

मने इस देश में सिर्फ 25% मुस्लिम पुरुष ही विवाहित रहेंगे शेष 75% मुसलमान या तो कुँवारे हैं या संघियों की 4-4 बेटियों से लवजिहाद कर चुके हैं। खैर चलिए भक्तोलाजी के तर्क को मान भी लेते हैं कि देश में हर मुसलमान चार शादी और चालिस बच्चे पैदा करता है तो सोचिए कि वह बच्चे हैं कहाँ ? क्युँकि 2011 के संसेक्स के आँकड़े तो मुसलमानों की जनसंख्या दर घटती हुई दिखाकर 14 करोड़ पर समेट दे रही है।

भक्तोलाजी के अनुसार तो यदि 14 करोड़ मुसलमानों की पुरुष जनसंख्या 7 करोड़ में 50% भी पुरुष विवाहित हैं तो 3•5 करोड़ मुसलमान के 40 बच्चे अर्थात , इस देश में मुसलमानों कि आबादी 1,435,000,000 है।

तो क्या मुसलमानों की इतनी आबादी इस देश में है ?