रऊफ अहमद सिददीकी की दुनिया में आपका स्वागत है

Saturday, July 29, 2017

आज भी 10 रूपये में बिक जाती है लड़कियां

जमाना चाहें कितना भी बदल गया हो लेकिन आज भी महिलाओं पर होने वाले शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा। गांवों में आज भी महिलाएं शोषण का शिकार हो रही हैं। आए दिन रेप के मामले सुनने को मिलते है। आज हम आपको एक एेसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां 10 रुपए के स्टाम्प पर मुहर लगाकर लड़कियों को बेच दिया जाता है
मध्यप्रेदश के शिवपुरी में धड़ीचा नाम प्रथा निभाई जाती है। यह प्रथा औरतों की खरीद फरोख्त की एेसी प्रथा है जिसकी शिकार युवतियों के पति स्टाम्प पर साइन होते ही बदल जाते हैं। इस प्रथा में बिकने वाली औरत और खरीदने वाले पुरुष के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है। ज्यादा रकम होेने पर संबंध लंबे समय तक रहता है। वहीं, अगर रकम कम हो तो जल्द ही खत्म हो जाता है। कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर महिला का दूसरे पुरुष के साथ सौदा कर दिया जाता है।
गांव में रहने वाली एक महिला का कहना है कि इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए कई बार सरकार ने प्रयास भी किए लेकिन फिर भी यह प्रथा खत्म नहीं हुई।

Thursday, July 13, 2017

G S T. से कितना फायदा होगा U P सरकार का

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के द्वारा आधी कमाई केंद्र को जाने की वजह से प्रदेश सरकार के राजस्व में कमी आने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बजट के आंकडें आने के बाद ये बात गलत साबित हुई है। पिछले साल तक वैट से प्रदेश की कमाई 58 हजार करोड़ रुपये तक भी नहीं पहुंच पाती थी, लेकिन इस साल जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश का खजाना इसी नए अप्रत्यक्ष कर से भरने की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्य सरकार ने टैक्स के द्वारा 65 हजार करोड़ रुपये लाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा आबकारी, स्टांप व वाहन कर सहित अन्य टैक्स मिलाकर कुल 1,11,501.90 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है। जीएसटी से आने वाली रकम में केंद्र का आधा हिस्सा काटने के बाद राज्य के हिस्से में 28,602.70 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है, जबकि जीएसटी से बाहर रह गई वस्तुओं पर लगने वाले वैट से 36,397.30 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

सपा सरकार ने 2017-18 के अपने लेखानुदान में बिक्री व्यापार कर से 62069.10 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया था, लेकिन जीएसटी लागू के बाद योगी सरकार ने इसे बढ़ा कर 65 हजार रुपये कर दिया है। अखिलेश सरकार ने लेखानुदान में राजस्व प्राप्ति के सभी मदों से जहां कुल 1,08,321 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया था, वहीं योगी सरकार ने इसे भी बढ़ाकर 1,11,501.90 करोड़ रुपये कर दिया है।

बता दें कि लेखानुदान में राजस्व प्राप्ति के आठ मदो में भू-राजस्व, स्टांप एवं पंजीकरण फीस, आबकारी, बिक्री व्यापार कर, वाहन कर, विद्युत कर व शुल्क, वस्तुओं तथा सेवाओं पर अन्य कर और शुल्क तथा अन्य कर राजस्व शामिल थे, लेकिन अब इसमें जीएसटी को शामिल करते हुए राजस्व प्राप्ति के कुल नौ मद हो गए हैं।

जीएसटी से जहां 28,602.70 करोड़ रुपये आएंगे, वहीं जीएसटी की ही वजह से बिक्री व्यापार कर की मद में कुल 15,111.63 करोड़ रुपये यानी 29.34 फीसद की कमी भी आएगी। इसके अलावा भू-राजस्व से 706.04 करोड़, स्टांप तथा पंजीकरण फीस से 17,458.34 करोड़, आबकारी से 20,593.23 करोड़, वाहन कर से 5481.20 करोड़, विद्युत कर तथा शुल्क से 1500, वस्तुओं तथा सेवाओं पर अन्य कर व शुल्क से 704 करोड़ और अन्य कर राजस्व से 59.09 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। पिछले साल के पुनरीक्षित अनुमानों की तुलना में मौजूदा वर्ष के कर राजस्व में 21,283.20 करोड़ रुपये यानी करीब 23.59 फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।

Monday, July 10, 2017

ब्राहमणो की सीधी आलोचना से बचे मुसलमान ..


आजकल आप देख रहे होंगे कि कुछ उत्साही युवा मुस्लिम लेखक और राजनीति में सक्रिय नोजवान ब्राह्मणों की खुली आलोचना कर रहे हैं है , देश में हिन्दू -मुस्लिमो के बीच बढ़ती खाई का जिम्मेदार ब्राह्मणों को बताकर मुस्लिमो के बीच में उन्हें खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है , 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार और ज्यादातर  ब्राह्मणों के भाजपा को समर्थन के बाद इस चर्चा में बहुत तेजी आई है , समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग भी इस प्रचार को तेजी दे रहे है , देश में एक अजीब माहौल है कि ब्राह्मण ही इस हालात के लिए जिम्मेदार है और इस तरह का प्रचार किया जा रहा है जैसे मुसलमानो के विरुद्ध सबसे बड़ा समूह ब्राह्मण है , सोशल मीडिया पर काफी पढ़े जाने वाले कुछ चर्चित मुस्लिम चेहरे भी यह लगातार लिख रहे हैं , मौजूदा हालात को देखते हुए तुरंत मुस्लिमो को यह प्रचार बंद कर देना चाहिए , आप पढ़ते रहिये ,यह बात हमें स्वीकार कर लेनी चाहिए कि भारत जातियो का देश है जहाँ ब्राह्मणों का स्थान सबसे ऊंचा है , यह शीर्ष पर स्थापित सबसे शक्तिशाली जाति है ,भारत की तमाम हिन्दू जातीय ब्राह्मणों से चिढ़ती है ,मगर उनके बिना अपने बच्चे का नामकरण तक नही कर सकती , संख्या में कम होने के बावजूद ब्राह्मणों का भारत पर पूरा दबदबा है , ताक़त के सबसे महत्वपूर्ण दो समूह अफसरशाही और मठ मंदिर के मुख्य संचालक पर ब्राह्मणों का पूरा नियंत्रण है , एक समय जब क्रिकेट को भारत का एक मज़हब कहा
जाता था तब 11 में से 10 खिलाडी ब्राह्मण होते थे ,
भारत के इतिहास में इस बात का कोई प्रमाण नही मिलता कि ब्राह्मण साम्प्रदयिक जाति है और वो मुसलमानो से नफरत करते है , इस पर अभी बात करेंगे ,पहले यह जानते है कि ब्राह्मणों से सबसे ज्यादा नाराज कौन है !
जाहिर यह लोग दलित है , दलितो को ऐसा लगता है कि उनके साथ हुए सामाजिक भेदभाव की जड़ में ब्राह्मणों का ज्ञान है जिसने शेष हिन्दू जतियो को दलितो से अलग किया , सिर्फ ब्राह्मणों ने उन्हें शुद्र प्रचारित किया और मनुस्मृति का आम हिन्दू को ब्राह्मणों ने परिचय कराया , मतलब धर्म का झंडा ब्राह्मणों के हाथ में है , एक समय दलित दबा कुचला था मगर चूँकि अब वो पढ़ लिख रहा है इसलिए अब मुखर होकर बोलने लगा है , अब वर्तमान हालात पर आते है , गाय को लेकर मुसलमानो और दलितो के साथ हुई हिंसक घटनाओं और मोजूदा हालात के मद्देनजर मुसलमानो ने दलितो के सुर से सुर मिलाया है
, कई प्रदर्शन में भी दोनों साथ साथ रहे है ,दलित को  तमाम चिंतक ब्राह्मणवाद के खिलाफ लगातार लिखते है ,जैसे दिलीप मंडल को आप पढ़ लीजिये , वो इंडिया टुडे के संपादक रहे हैं , यह समझना होगा कि मूलतः दलित संघ का विरोधी नही है ब्राह्मण का है , अगर संघ का विरोधी होता तो दलितो का एक बहुत बड़ा हिस्सा 2017 में यूपी चुनाव में भाजपा को वोट क्यों करता ! अब दूसरी बात दलित और मुसलमान पूरी तरह से एक दूसरे को आत्मसात भी नही कर रहे हैं ,जैसे बसपा ने यूपी में मूसलमानो को 100 से ज्यादा टिकट दिए ,मगर इन्हें दलितो ने एक तरफ़ा वोट नही दिया , शेष जगहों पर मुसलमानो ने बसपा को 5 % भी वोट नही किया , दलितो में इस वक़्त भारी बेचैनी है , उन्हें डर सता रहा है कि आरक्षण खत्म हो सकता है , मायावती अब दमदार नेता नही दिखती ,दलितो में उनके खिलाफ लोग खड़े होने लगे है , दलितो को समझने के लिए सहारनपुर चलते है , यहाँ दलितो का राजपूतो से जातीय संघर्ष हुआ , भीम आर्मी नाम के एक संगठन का बड़ा नाम हुआ ,इसके चीफ चन्द्रशेखर आज़ाद को दलितो ने सर आँखों पर बैठाया , मगर मायावती को यह बात अच्छी नही लगी , चन्द्रशेखर अब जेल में है ,भीम आर्मी कुचल दी गयी है और दलित अब अपनी सरकार आने तक सर उठा नही पाएंगे , जिसकी सम्भावना अब कम है , दलितो ने अभी अभी खडा होना शुरू किया था ,अब फिर वो पटका गया है ,
मायावती का भी इतिहास अपनी ही पार्टी में दलित नेताओ को कुचलने का रहा है , हम ब्राह्मणों पर लौट कर आते है , बसपा के साथ मुसलमानो की पटरी मेल नही खा रही है ,ज्यादातर मुसलमान मायावती को पसंद नही करता , दलितो के साथ जुर्म में वो दलितो के साथ खड़ा हो जाता है मगर दलित उसके साथ दिखाई नही देता , तो दलितो के लिए मुसलमान को ब्राह्मणो की नाराजगी क्यों झेले , दलित के विरुद्ध होने वाले अत्याचार में वो बेशक इंसानियत के नाते दलितो की मदद करे ,मगर ब्राह्मणों की उन्ही की तर्ज़ पर  निंदा करना बंद करे , इसके कई कारण है जैसे ब्राह्मण हिन्दू धर्म का पंडित है और अगुआ है तो उसका विरोध हिन्दू धर्म का विरोध या तो समझ लिया जाता है ,या समझा दिया जाता है , अब जब अल्पसंख्यक समुदाय ऐसा करता है तो बहूसंख्यक समुदाय गुस्सा जाता है और बदले में अल्पसंख्यक समुदाय के मज़हब को निशाना बनाता है , जिससे तनाव बढ़ता है जो धीरे बेहद मुश्किल हालात ले आता है  ,यह पढ़िए अगर आप व्यवहारिक जीवन में देखेंगे तो पाएंगे कि मुसलमानो के साथ ब्राह्मणो के गहरे रिश्ते है ,इस बार ईद पर आपके यहाँ कितने हिन्दू मित्र आये और उनमें ब्राह्मण कितने थे !
आसपास के ब्राह्मण आपके सुख दुख में कैसा रवैया रखते है , आप समझ लेंगे की सभी ब्राह्मण संघवादी नही है , वैसे भी चार ब्राह्मण एक ही विचारधारा पर टिके नही रह सकते ,वो अपनी लीक अलग फाड़ कर चलते है , राजनीतिक रूप से भी नेहरु परिवार ब्राह्मण ही तो है ,
हिकमत ए अमली के आधार पर भी मुसलमानो को सीधी आलोचना से बचना चाहिए , देश हिन्दू और मुसलमान में बंटता जा रहा है जबकि विचारधारा का बंटवारा अच्छे हिंदुस्तानी और बुरे हिंदुस्तानी के बीच होना चाहिए। ध्यान रहे हर रात की सुबह होती है ,ऐसे में अच्छे ब्राह्मण को साथ लिए बिना सूर्य अपनी चमक नही फैला पायेगा और वैसे भी 'पड़ी लकड़ी 'लेने की जरुरत क्या है।

Wednesday, July 5, 2017

मौत के अलावा हर बीमारी का इलाज हे कलौंजी

“मौत को छोड कर हर मर्ज की दवाई है कलौंजी…..! “

कलयुग में धरती पर संजीवनी है कलौंजी, अनगिनत रोगों को चुटकियों में ठीक करता है।

कैसे करें इसका सेवन

कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है।
एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन कर सकते हैं।
पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पीएं।
दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पीएं।
कलौंजी को ग्राइंड करें तथा पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।
कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर इसका सेवन करें।

ये किन -किन रोगों में सहायक है :-

टाइप-2 डायबिटीज
प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।

मिर्गी
2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन दौरे को कम करता है।

उच्च रक्तचाप
100 या 200 मिलीग्राम कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लड प्रैशर कम होता है।

दमा :

कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

रक्तचाप (ब्लडप्रेशर)
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है। तथा 28 मिलीलीटर जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मालिश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।

गंजापन
जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर होकर बाल उग आते हैं।

त्वचा के विकार
कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं।

लकवा
कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।

कान की सूजन, बहरापन
कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।

सर्दी-जुकाम
कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघने से और कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है। आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जाएं और केवल तेल ही रह जाएं। इसके बाद इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें। इससे सर्दी-जुकाम ठीक होता है। यह पुराने जुकाम भी लाभकारी होता है।

पेट के कीडे़
10 ग्राम कलौंजी को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ रात सोते समय कुछ दिन तक नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।

प्रसव की पीड़ा
कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा दूर होती है।

पोलियों का रोग
आधे कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद व आधे चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लें। इससे पोलियों का रोग ठीक होता है।

मुंहासे
सिरके में कलौंजी को पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर लगाएं और सुबह पानी से चेहरे को साफ करने से मुंहासे कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं।

स्फूर्ति
स्फूर्ति (रीवायटल) के लिए नांरगी के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करने से आलस्य और थकान दूर होती है।

गठिया
कलौंजी को रीठा के पत्तों के साथ काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग समाप्त होता है।

जोड़ों का दर्द
एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।

आंखों के सभी रोग
आंखों की लाली, मोतियाबिन्द, आंखों से पानी का आना, आंखों की रोशनी कम होना आदि। इस तरह के आंखों के रोगों में एक कप गाजर का रस, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2बार सेवन करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक होते हैं। आंखों के चारों और तथा पलकों पर कलौंजी का तेल रात को सोते समय लगाएं। इससे आंखों के रोग समाप्त होते हैं। रोगी को अचार, बैंगन, अंडा व मछली नहीं खाना चाहिए।

स्नायुविक व मानसिक तनाव
एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक व मानसिक तनाव दूर होता है।

गांठ
कलौंजी के तेल को गांठो पर लगाने और एक चम्मच कलौंजी का तेल गर्म दूध में डालकर पीने से गांठ नष्ट होती है।

मलेरिया का बुखार
पिसी हुई कलौंजी आधा चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है।

स्वप्नदोष
यदि रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें। इससे स्वप्नदोष दूर होता है। प्रतिदिन कलौंजी के तेल की चार बूंद एक चम्मच नारियल तेल में मिलाकर सोते समय सिर में लगाने स्वप्न दोष का रोग ठीक होता है। उपचार करते समय नींबू का सेवन न करें।

कब्ज
चीनी 5 ग्राम, सोनामुखी 4 ग्राम, 1 गिलास हल्का गर्म दूध और आधा चम्मच कलौंजी का तेल। इन सभी को एक साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से कब्ज नष्ट होती है।

खून की कमी
एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबाल लें और इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें। इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

पेट दर्द
किसी भी कारण से पेट दर्द हो एक गिलास नींबू पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीएं। उपचार करते समय रोगी को बेसन की चीजे नहीं खानी चाहिए। या चुटकी भर नमक और आधे चम्मच कलौंजी के तेल को आधा गिलास हल्का गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है। या फिर 1 गिलास मौसमी के रस में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।

सिर दर्द
कलौंजी के तेल को ललाट से कानों तक अच्छी तरह मलनें और आधा चम्मच कलौंजी के तेल को 1 चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर दर्द ठीक होता है। कलौंजी खाने के साथ सिर पर कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर मालिश करें। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है और सिर से सम्बंधित अन्य रोगों भी दूर होते हैं।
कलौंजी के बीजों को गर्म करके पीस लें और कपड़े में बांधकर सूंघें। इससे सिर का दर्द दूर होता है। कलौंजी और काला जीरा बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और माथे पर लेप करें। इससे सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।

उल्टी
आधा चम्मच कलौंजी का तेल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से उल्टी बंद होती है।

हार्निया
3 चम्मच करेले का रस और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय पीने से हार्निया रोग ठीक होता है।

मिर्गी के दौरें
एक कप गर्म पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मिर्गी के दौरें ठीक होते हैं। मिर्गी के रोगी को ठंडी चीजे जैसे- अमरूद, केला, सीताफल आदि नहीं देना चाहिए।

पीलिया
एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार सुबह खाली पेट और रात को सोते समय 1 सप्ताह तक लेने से पीलिया रोग समाप्त होता है। पीलिया से पीड़ित रोगी को खाने में मसालेदार व खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

कैंसर का रोग
एक गिलास अंगूर के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 3 बार पीने से कैंसर का रोग ठीक होता है। इससे आंतों का कैंसर, ब्लड कैंसर व गले का कैंसर आदि में भी लाभ मिलता है। इस रोग में रोगी को औषधि देने के साथ ही एक किलो जौ के आटे में 2 किलो गेहूं का आटा मिलाकर इसकी रोटी, दलिया बनाकर रोगी को देना चाहिए। इस रोग में आलू, अरबी और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। कैंसर के रोगी को कलौंजी डालकर हलवा बनाकर खाना चाहिए।

दांत
कलौंजी का तेल और लौंग का तेल 1-1 बूंद मिलाकर दांत व मसूढ़ों पर लगाने से दर्द ठीक होता है। आग में सेंधानमक जलाकर बारीक पीस लें और इसमें 2-4 बूंदे कलौंजी का तेल डालकर दांत साफ करें। इससे साफ व स्वस्थ रहते हैं।
दांतों में कीड़े लगना व खोखलापन: रात को सोते समय कलौंजी के तेल में रुई को भिगोकर खोखले दांतों में रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।

नींद
रात में सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।

मासिकधर्म
कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से मासिकधर्म शुरू होता है। इससे गर्भपात होने की संभावना नहीं रहती है।
जिन माताओं बहनों को मासिकधर्म कष्ट से आता है उनके लिए कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मासिकस्राव का कष्ट दूर होता है और बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से ऋतुस्राव की पीड़ा नष्ट होती है।
मासिकधर्म की अनियमितता में लगभग आधा से डेढ़ ग्राम की मात्रा में कलौंजी के चूर्ण का सेवन करने से मासिकधर्म नियमित समय पर आने लगता है।
यदि मासिकस्राव बंद हो गया हो और पेट में दर्द रहता हो तो एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।

गर्भवती महिलाओं
कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करने से मासिकस्राव शुरू होता है।

गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।

स्तनों का आकार
कलौंजी आधे से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से स्तनों का आकार बढ़ता है और स्तन सुडौल बनता है।

*स्तनों में दुध
कलौंजी को आधे से 1 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से स्तनों में दुध बढ़ता है।

स्त्रियों के चेहरे व हाथ-पैरों की सूजन:
कलौंजी पीसकर लेप करने से हाथ पैरों की सूजन दूर होती है।

बाल लम्बे व घने
50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से बालों को धोएं। इससे बाल लम्बे व घने होते हैं।

बेरी-बेरी रोग
बेरी-बेरी रोग में कलौंजी को पीसकर हाथ-पैरों की सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है।

भूख का अधिक लगना
50 ग्राम कलौंजी को सिरके में रात को भिगो दें और सूबह पीसकर शहद में मिलाकर 4-5 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे भूख का अधिक लगना कम होता है।

नपुंसकता
कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर पीने से नपुंसकता दूर होती है।

खाज-खुजली
50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीस लें और इसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस व 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप बना लें। यह लेप खाज-खुजली में प्रतिदिन लगाने से रोग ठीक होता है।

नाड़ी का छूटना
नाड़ी का छूटना के लिए आधे से 1 ग्राम कालौंजी को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर होता है और नाड़ी की गति भी तेज होती है। इस रोग में आधे से 1ग्राम कालौंजी हर 6 घंटे पर लें और ठीक होने पर इसका प्रयोग बंद कर दें।
कलौंजी को पीसकर लेप करने से नाड़ी की जलन व सूजन दूर होती है।

हिचकी
एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। तथा कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में मठ्ठे के साथ प्रतिदिन 3-4 बार सेवन से हिचकी दूर होती है। या फिर कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम मक्खन के साथ खाने से हिचकी दूर होती है। और यदि आप काले उड़द चिलम में रखकर तम्बाकू के साथ पीने से हिचकी में लाभ होता है।
3 ग्राम कलौंजी पीसकर दही के पानी में मिलाकर खाने से हिचकी ठीक होती है।

स्मरण शक्ति
लगभग 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी को पीसकर 2 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

छींके
कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।

पेट की गैस
कलौंजी, जीरा और अजवाइन को बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद लेने से पेट की गैस नष्ट होता है।

पेशाब की जलन
250 मिलीलीटर दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।

दमा रोग (ASTHMA)
एक चुटकी नमक, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच घी मिलाकर छाती और गले पर मालिश करें और साथ ही आधा चम्मच कलौंजी का तेल 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे दमा रोग में आराम मिलता है।

पथरी
250 ग्राम कलौंजी पीसकर 125 ग्राम शहद में मिला लें और फिर इसमें आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार खाली पेट सेवन करें। इस तरह 21 दिन तक पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।

सूजन
यदि चोट या मोच आने के कारण शरीर के किसी भी स्थान पर सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए कलौंजी को पानी में पीसकर लगाएं। इससे सूजन दूर होती है और दर्द ठीक होता है। कलौंजी को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है।

स्नायु की पीड़ा
दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से स्नायु की पीड़ा समाप्त होती है।

जुकाम
20 ग्राम कलौंजी को अच्छी तरह से पकाकर किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम ठीक होता है।
जैतून के तेल में कलौंजी का बारीक चूर्ण मिलाकर कपड़े में छानकर बूंद-बूंद करके नाक में डालने से बार-बार जुकाम में छींक आनी बंद हो जाती हैं और जुकाम ठीक होता है। कलौंजी को सूंघने से जुकाम में आराम मिलता है।
यदि बार-बार छींके आती हो तो कलौंजी के बीजों को पीसकर सूंघें।

बवासीर के मस्से
कलौंजी की भस्म को मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर का रोग समाप्त होता है।

वात रोग
वात रोग में कलौंजी के तेल से रोगग्रस्त अंगों पर मालिश करने से वात की बीमारी दूर होती है।

ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है।